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गुरू के सानिध्य में ही कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है: श्रीमहंत सतीश गिरी

श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़े में किया संत समागम का आयोजन

कलयुग दर्शन (24×7)

सागर कुमार (सह संपादक)

हरिद्वार। कनखल सन्यास मार्ग स्थित श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़े के श्रीमहंत सतीश गिरी महाराज ने कहा कि त्याग, तपस्या और सेवा के लिए जीवन समर्पित करने वाले संत महापुरूषों ने सदैव समाज को राह दिखायी है। अखाड़े में आयोजित संत समागम को संबोधित करते हुए श्रीमहंत सतीश गिरी महाराज ने कहा कि संसार में गुरू का स्थान सर्वोच्च है। संत रूपी गुरू के सानिध्य में प्राप्त ज्ञान और दीक्षा से ही कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। श्रीमहंत सत्यम गिरी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म संस्कृति विश्व की सबसे महान संस्कृति है। जगद्गुरू शंकराचार्य द्वारा स्थापित अखाड़े भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर और अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर कर सनातन धर्म संस्कृति का संरक्षण संवर्द्धन करने में अहम भूमिका निभा रहे है। उन्होंने कहा कि संत महापुरूषों के श्रीमुख से प्रसारित आध्यात्मिक संदेशों से पूरे विश्व को मार्गदर्शन प्राप्त होता है।

महंत जसविन्दर सिंह ने कहा कि स्थापना के बाद से ही अखाड़े सनातन धर्म और मानवता के संरक्षक की भूमिका प्रमुखता से निभा रहे हैं। श्रीमहंत मंगतपुरी ने कहा कि परमार्थ के लिए जीवन समर्पित करने वाले संत महापुरूषों के सानिध्य में आने वाले भक्तों का कल्याण अवश्य होता है। मनीष व्यास, सुरेंद्र पारिख, जय पारिख ने परिवार सहित सभी संत महापुरूषों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया और आशीर्वाद प्राप्त किया। संत समागम में स्वामी राकेश गिरी, स्वामी प्रह्लाद गिरी, महंत गंगा गिरी, महंत सूर्यमोहन गिरी, महंत महेश्वरानंद, महंत राघवेंद्र दास, महंत गोविंददास, स्वामी अनंतानंद, स्वामी चिदविलासानंद, स्वामी हरिवल्लभ दास शास्त्री, स्वामी नागेंद्र महाराज, स्वामी कृष्णानंद, महंत निर्भय सिंह, महंत सूर्यांश मुनि, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी दिनशे दास, स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि सहित सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूष मौजूद रहे।

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