उत्तराखंड

निर्धन कन्याओं के विवाह संस्कार में अपने बेटे का विवाह कराना मुख्यमंत्री मोहन यादव का प्रेरणादायी कदम: श्रीमहंत रविंद्रपुरी

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नरेश मित्तल (संवाददाता)

हरिद्वार। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 21 निर्धन कन्याओं का विवाह संस्कार कराया और निर्धन कन्याओं के विवाह संस्कार में अपने बेटे का विवाह कर अन्य लोगों को भी प्रेरणा दी। विवाह संस्कार में सम्मिलित होने पहुंचे अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी, योगगुरु बाबा रामदेव, अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि, बागेश्वर धाम के परमाध्यक्ष धीरेंद्र शास्त्री सहित अनेक राजनेताओं एवं संत महापुरुषों ने कन्याओं को आशीर्वाद प्रदान किया। इस अवसर पर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गरीब अमीर की खाई को समाप्त करने का काम किया है। निर्धन कन्याओं के विवाह संस्कार में मुख्यमंत्री द्वारा अपने बेटे का भी विवाह संपन्न करना समाज को प्रेरणा देने वाला है।

श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि कन्यादान महादान है। कन्यादान जैसे परोपकार का श्रेय भगवान व्यक्ति को देते हैं। उन्होंने सभी वर वधु को आशीर्वाद देते हुए कहा कि कन्याएं देवी का स्वरूप होती हैं। भारतीय परंपराओं में कन्याओं को पूजा जाता है। मुख्यमंत्री मोहन सिंह यादव ने परंपराओं का निर्वहन करते हुए संयुक्त रूप से कन्याओं का विवाह संस्कार कराया। इस तरह के समारोह प्रेरणा का स्रोत बनते हैं। योगगुरु बाबा रामदेव ने भी सभी कन्याओं को आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। कन्याएं देश की धरोहर हैं। कन्याओं का संरक्षण संवर्धन समाज के लोगों को ही करना है। अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरी ने कहा कि भारतीय संस्कृति में कन्यादान सबसे बड़ा दान है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लोगों के लिए मिसाल पेश की है। उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव को भी आशीर्वाद प्रदान किया और कन्याओं के उज्जवल भविष्य की कामना की।

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