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मुख्तार अंसारी को किया गया सुर्पद-ए-खाक, पुलिस बल एवं पैरामिलिट्री फोर्स तैनात

कब्रिस्तान के बाहर उमड़ा जनसैलाब, परिवार के लोगों को ही कब्र पर मिट्टी देने की इजाजत

कलयुग दर्शन (24×7)

सरविन्द्र कुमार (प्रधान संपादक)

उत्तर प्रदेश के पूर्व सांसद मुख्तार अंसारी को गाजीपुर के मोहम्मदाबाद स्थित कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। प्रशासन के द्वारा सिर्फ परिवार के लोगों को ही मिट्टी देने की इजाजत दी गई थी। मुख्तार के जनाजे में समर्थकों की भारी भीड़ देखने को मिली। हालांकि बाहर से आए लोगों को कब्रिस्तान के अंदर नहीं जाने दिया गया। मौके पर डीएम सहित प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद थे और जनाजे के साथ आए लोगों को कब्रिस्तान के अंदर जाने से रोका जा रहा था।

यूपी के मऊ से पूर्व विधायक और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की गुरुवार को मौत हो गई थी। मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया गया है। बांदा मेडिकल कॉलेज में मुख्तार का पोस्टमार्टम पूरा होने के बाद उनके शव को बेटे उमर अंसारी को सौंप दिया गया। मुख्तार की मौत के बाद गाजीपुर और मऊ समेत पूरे उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट है। पुलिस ने सभी जिलों में पहरा बढ़ा दिया है। दरअसल बांदा जेल में अचानक मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उसे बांदा मेडिकल कॉलेज इलाज ले जाया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

मुख्तार अंसारी का अपराध जगत से पुराना नाता रहा है। हत्या, रंगदारी जैसे कई अपराधों में दोषी मुख्तार अंसारी का जन्म गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद में हुआ था। मुख्तार के पिता का नाम सुबहानउल्लाह अंसारी और मां का नाम बेगम राबिया था। गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के परिवार की पहचान एक राजनीतिक परिवार की है। 17 साल से ज्यादा वक्त से जेल में बंद रहे मुख्तार अंसारी के दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता सेनानी थे। देश की आजादी के लिए गांधी जी के साथ काम करते हुए वह 1926-27 में कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। मुख्तार के नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान को 1947 की लड़ाई में शहादत के लिए महावीर चक्र से नवाजा गया।




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