उत्तराखंड

रुड़की: सत्ती मोहल्ला निवासी सैयद इंतखाब आलम के नौ वर्षीय सुपुत्र सैयद मोहम्मद फाइज ने रखा पहला रोजा, रोजा इफ्तारी के कार्यक्रम का भी हुआ आयोजन

कलयुग दर्शन (24×7)

अवधेश भूमीवाल (संवाददाता)

रुड़की। रमजान का महीना रहमतों और बरकतों वाला महीना है। इस रमजान मुबारक महीने में सत्ती मोहल्ला निवासी सैयद इंतखाब आलम के नौ वर्षीय सुपुत्र सैयद मोहम्मद फाइज पहला रोजा रखकर अपने हम उम्र के बच्चों में रोजा रखने के लिए जोश और उत्साह बढ़ाने का काम किया। इसके रोजा रखने से बच्चों में हौसला और जागरूकता को बल मिलेगा। इस अवसर पर सैयद इंतखाब आलम ने कहा कि रोजा रखने से शरीर की बहुत सारी बीमारियां खत्म होती है और शरीर को एक कुदरती ताकत मिलती है, साथ ही यह गुनाहों से बचने का भी जरिया है। रोजा रखने से कमजोरी नहीं आती, बल्कि एक प्रकार से शरीर में एनर्जी का संचार होता है। उनके सुपुत्र ने कहा कि उसने अपना पहला रोजा अल्लाह की रजा के लिए रखा और अमन-शांति और तरक्की की दुआ भी मांगी। इस मौके पर रोजा इफ्तारी का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में रोजेदारों ने शिरकत की। शायर अफजल मंगलौरी आदि ने भी बच्चों के रोजा रखने पर मुबारकबाद दी।

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