
कलयुग दर्शन (24×7)
विजय कुमार, विक्की (संवाददाता)
हरिद्वार। गायत्री परिवार की संस्थापिका परम वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा की जन्मशताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में निकाली जा रही ज्योति कलश रथ यात्रा अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपने चरण बढ़ा चुकी है। इसी क्रम में दुबई में ज्योति कलश रथ यात्रा का भव्य वैदिक पूजन संपन्न हुआ। जिसमें देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति युवा आइकॉन डॉ. चिन्मय पण्ड्या एवं गायत्री विद्यापीठ की चेयरपर्सन श्रीमती शैफाली पण्ड्या की गरिमामयी उपस्थिति रही। पूजन स्थल पर शताधिक श्रद्धालुओं की उपस्थिति ने वातावरण को गायत्रीमय बना दिया। शांतिकुंज मीडिया विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह ज्योति कलश रथ यात्रा उत्तराखंड, दिल्ली, बिहार, मध्यप्रदेश, पंजाब सहित देशभर में चल रही है और अब इसका विस्तार संयुक्त अरब अमीरात के विभिन्न शहरों- दुबई, ओमान, शारजाह, आबू धाबी व अजमान तक हो रहा है।
यात्रा का उद्देश्य आत्मिक जागरण, सामाजिक चेतना और भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार को गति देना है। इस अवसर पर गायत्री विद्यापीठ की चेयरपर्सन श्रीमती शैफाली पण्ड्या ने कहा कि परम पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य और परम वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा ने प्रेम की डोर से सभी को एक सूत्र में बाँधा है। उनका जीवन त्याग, सेवा और आदर्श का प्रतीक है। युवा आइकॉन डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने २०२६ में आने वाले अखंड दीपक के १०० वर्ष और माताजी की जन्मशताब्दी को विशेष आध्यात्मिक पर्व के रूप में मनाए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को आत्मविकास और समाजसेवा से जुड़ना ही सच्चे आध्यात्म का मार्ग है। कार्यक्रम के समापन पर डॉ. पण्ड्या ने उपस्थित लोगों की जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए उन्हें युग निर्माण मिशन से जुड़ने का आह्वान किया। यह आयोजन प्रवासी भारतीय समाज को एकता, सेवा और भारतीय संस्कृति से जोड़ने वाला अद्वितीय प्रयास बनकर उभरा।
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