रुड़की विकास प्राधिकरण द्वारा बस अड्डे शिफ्ट करने के विरोध में व्यापारियों ने किया प्रदर्शन

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नरेश कुमार मित्तल (संवाददाता)
हरिद्वार। रुड़की विकास प्राधिकरण द्वारा प्रस्तावित महा योजना 2041 के दशार्य गये बिंदुओं में से सबसे महत्वपूर्ण विकास के नाम पर बाजारों को उजाड़ने व हरिद्वार शहर के हृदय स्थल बस अड्डे को निर्जन स्थान पर ले जाने के विरोध में प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के बेनर तले अपर रोड़ पर जिला महामंत्री संजय त्रिवाल की अध्यक्षता व संरक्षक तेजप्रकाश साहू के संचालन में विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें विभिन्न क्षेत्र से आये व्यापारी प्रतिनिधियों ने सहभागिता की। विरोध प्रदर्शन के दौरान जिला महामंत्री संजय त्रिवाल ने कहा कि हरिद्वार के पौराणिक तीर्थ स्थल हैं। जबकि वर्तमान सरकार की सोच वाला पर्यटन स्थल हरिद्वार की भौगोलिक परिस्थितियां बिल्कुल अलग हैं। इसी बाजार व गलियों से प्रशासन के आंकड़े जाते हैं। कहाकि 12 दिवसीय कावड़ मेलांे मंे प्रतिवर्ष लगभग 4 करोड़ यात्री जल भरकर जाते हैं, जिसमें प्रशासन द्वारा अपने अधिकतम लाभ के लिए संपूर्ण खुली सरकारी जमीनों पर अस्थायी अतिक्रमण भी आबाद कराया जाता है। हरिद्वार के प्रशासनिक अधिकारी व जनप्रतिनिधि जो की हरिद्वार की वास्तविक स्थित का ज्ञान नहीं रखते हैं। वहीं लोगों के विकास के नाम पर तोड़फोड़ समर्थन करते हैं। कहाकि आज हरिद्वार में व्यवस्था बनाने के आवश्यकता है अतिक्रमण चाहे वह स्थाई हो या अथवा अस्थाई सरकारी जमीनो पर हो तुरंत हटाया जाए। जांच आयोग में दी गई रिपोर्ट के आधार पर संपूर्ण मेला भूमि को खाली कराया जाए। उक्त भूमि का प्रबंध मेला प्राधिकरण को पुनः जीवित कर उसके सपुर्द की जाए।
संरक्षक तेजप्रकाश साहू ने कहा कि अंग्रेज सरकारें बस अड्डा व रेलवे स्टेशन आमने-सामने बनाते थे। आज कुछ राजनीतिक लोग जिनकी निगह बस अड्डे की बेशकीमती जगह पर है, यह नहीं चाहते कि बस अड्डा यहां रहे। कहा कि इनकी चले तो ये रेलवे स्टेशन भी पथरी पहुंचा दे, जिसकी तैयारी भी चल रही है। वहां निर्माण कार्य भी जारी है। वर्तमान बस अड्डे के चारों तरफ सरकारी जमीन पड़ी है तथा चारों तरफ से खुली है। कहाकिे जल निगम व सिंचाई विभाग के ऑफिस शहर से बाहर शिफ्ट किये जा सकते हैं। वर्तमान बस अड्डे रेलवे स्टेशन को जोड़ने के लिए 50 मी. चौड़ा फ्लाईओवर ब्रिज बनाकर दोनों और उतारकर सड़क को पैदल मुक्त किया जा सकता है। साहू ने कहाकि यदि हरिद्वार को उजाड़ने की सोच को नहीं बदल गया तो हरिद्वार का व्यापारी उग्र आंदोलन, जेल भरो आंदोलन, धरना प्रदर्शन व बाजार अनिश्चितकालीन बंद करने से भी नहीं हटेगा। 2027 के विधानसभा चुनाव में इसका जवाब वोट वार देगा। प्रदर्शन करने वालों में सूरज केसवानी, गगन गूगनानी, अजय रावल, सुनील कुमार, पवन सुखीजा,दिनेश साहू, विजय शर्मा, मनीष सिंगल, मुन्ना विश्वास, मोहनदास गोस्वामी, राजेश अग्रवाल, गोपाल गोस्वामी, धर्मेंद्र गुप्ता, सुरेश शाह,राजू पंडित, राजू राजपाल, संजय मल्होत्रा, विशाल महेश्वरी, अमन कुमार, अंकुर सिंघल, अचिन त्यागी, नीतिश कुमार आदि शामिल थे।
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