नगर पंचायत छूटमलपुर के मुख्य बाज़ार में शौचालय का अभाव
ग्रामीणों और व्यापारियों में गहरा रोष, महिलाओं को उठानी पड़ रही सबसे बड़ी परेशान

कलयुग दर्शन (24×7)
अब्लिश गौतम (संवाददाता)
कस्बा छूटमलपुर नगर पंचायत से जुड़े दर्जनों गाँवों की आबादी रोज़मर्रा की ज़रूरतों के लिए यहाँ के मुख्य बाज़ार पर निर्भर करती है। भीड़-भाड़ वाला यह बाज़ार न केवल ग्रामीणों के लिए जीवनरेखा है, बल्कि कस्बे की आर्थिक गतिविधियों का भी सबसे बड़ा केंद्र है। लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि इतने बड़े और व्यस्त बाज़ार में आज तक सार्वजनिक शौचालय का निर्माण नहीं किया गया। इस वजह से ग्रामीण क्षेत्रों से ख़रीदारी करने आने वाले लोगों को रोज़ाना बड़ी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है। सबसे अधिक परेशानी महिलाओं और बुज़ुर्गों को झेलनी पड़ रही है।
महिलाओं के लिए सबसे गंभीर समस्या
बाज़ार में आने वाली महिलाएँ अक्सर शौचालय न होने की वजह से शर्मिंदगी और असुविधा झेलने को मजबूर होती हैं। ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि कभी-कभी उन्हें ख़रीदारी अधूरी छोड़कर ही लौटना पड़ता है। यह स्थिति उनके लिए असुरक्षित और अस्वास्थ्यकर दोनों है।
व्यापारियों में भी नाराज़गी
स्थानीय व्यापारियों ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि बार-बार मांग करने के बावजूद नगर पंचायत प्रशासन ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। दुकानदारों का कहना है कि जब ग्राहक असुविधा महसूस करते हैं तो उसका सीधा असर व्यापार पर भी पड़ता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, स्वच्छ भारत मिशन (Urban) तथा नगर पंचायत अधिनियम में स्पष्ट प्रावधान है कि भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों, सार्वजनिक स्थलों और बाज़ारों में सार्वजनिक शौचालय की उपलब्धता अनिवार्य है। इस लिहाज़ से छूटमलपुर नगर पंचायत का यह रवैया सीधे तौर पर क़ानूनी प्रावधानों और सरकारी गाइडलाइन का उल्लंघन है।
जनता का सवाल – बजट कहाँ गया?
ग्रामीणों और व्यापारियों ने सवाल उठाया है कि जब राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं में शौचालय निर्माण के लिए अलग से बजट उपलब्ध कराया जाता है, तो आखिर छूटमलपुर के मुख्य बाज़ार को इस बुनियादी सुविधा से अब तक वंचित क्यों रखा गया है?
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