आस्थाउत्तराखंड

अंगद जी के बहुत समझाने पर भी अहंकारी रावण नहीं मानता

कलयुग दर्शन (24×7)

हिमांशु (संवाददाता)

रुड़की। बीटी गंज में आयोजित 106-वीं भव्य रामलीला महोत्सव के दसवें दिन विभीषण निष्कासन, सेतु बंधन और अंगद रावण संवाद का कलाकारों द्वारा बहुत ही सुंदर ढंग से मंचन किया गया। मंचम से पूर्व आरती तथा गणेश वंदना के साथ रामलीला का शुभारंभ हुआ, इसके बाद रामलीला मंचन में हनुमान जी लंका दहन करके रामादल में वापस आते हैं। उसके बाद सेतु बंधन का मंचन किया गया। सेतु बंधन से पूर्व जावावंत जी लंका जाकर रावण को बुलाकर लाते हैं।

यज्ञ करने व रामेश्वर की स्थापना के लिए बहुत सुंदर दृश्य देख भक्तगणों द्वारा जय श्री राम के नारों से पूरा पंडाल गूंज उठा। विभीषण जी रावण को लंका से बेइज्जत करके निकाल देते हैं। विभीषण जी फिर रामादल में आते हैं, जहां भगवान श्री राम उन्हें वचन देते हैं कि मैं रावण का अंत करके तुम्हें लंका का राजा बनाऊंगा। उनका अभिषेक किया जाता है, फिर विभीषण जी के कहने पर एक बार फिर भगवान श्री राम अंगद को दूत बनाकर लंका भेजते हैं।

अंगद रावण को बहुत समझाते हैं कि युद्ध में किसी का हित नहीं होता, केवल हानि ही हानि होती है, किंतु रावण के अहंकार के कारण उनका यह प्रस्ताव स्वीकार नहीं करता और अंत में अंगद जी युद्ध की घोषणा कर रामादल में वापस आ जाते हैं। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ०मधु सिंह, जिला महामंत्री अक्षय प्रताप सिंह, सागर गोयल, जिला उपाध्यक्ष संजय अरोड़ा, डॉ०सौरभ गुप्ता, राजकुमार उपाध्याय, विकास बंसल, अमित अग्रवाल, ललित सोनकर, हरिमोहन कपूर, सतीश कालरा, उमेश कोहली, सतीश सैनी, सचिन झबरेडी, पंकज नंदा, प्रिया प्रवेश, प्रतिभा चौहान, नितिन गोयल, शौर्य प्रताप, आदित्य शर्मा, नैतिक शेट्टी, नितिन तायल, हिमांशु नौटियाल, कुशाग्र गर्ग, पारस मेहरा, अनिकेत गर्ग, नमन गोयल, बंटी जैन, रानू गोयल, समिति के महामंत्री सौरभ सिंघल, मनोज अग्रवाल, शशिकांत अग्रवाल, विशाल गुप्ता, नवनीत गर्ग, प्रदीप परूथी, दीपक शुक्ला सहित बड़ी संख्या में भक्तगण मौजूद रहे। इस दौरान समिति के पदाधिकारियों द्वारा अतिथिगण का सम्मान किया गया।

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