सहारनपुर में नई उम्मीद का आगाज़: एसएसपी आशीष तिवारी के नेतृत्व में ‘मिशन शक्ति’ और ‘साइबर सुरक्षा अभियान’ बने जनआंदोलन

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अबलीश कुमार (सहारनपुर संवाददाता)
सहारनपुर। जब नेतृत्व सख्त हो, नीयत साफ़ हो और उद्देश्य जनता की सुरक्षा हो, तो नतीजा केवल “उम्मीद” नहीं बल्कि “विश्वास” बन जाता है। सहारनपुर पुलिस ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी के इसी दूरदर्शी और निर्णायक नेतृत्व में यह साबित कर दिखाया है। “मिशन शक्ति” फेज़ 5.0 और “राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा माह” को सहारनपुर में केवल एक सरकारी औपचारिकता नहीं रहने दिया गया- बल्कि इसे जनआंदोलन का स्वरूप दे दिया गया। जिले के हर थाने, चौकी, स्कूल, कॉलेज, बाजार और गांवों में पुलिस की टीमें उतरीं। एंटी-रोमियो स्क्वॉड, महिला उप निरीक्षक, साइबर सेल और बीट पुलिसकर्मी हाथों में सुरक्षा संदेश वाले पंपलेट लिए लोगों के बीच पहुंचे। महिलाओं और छात्राओं को गुड टच-बैड टच, ऑनलाइन ठगी, फिशिंग लिंक, फर्जी OTP कॉल, और डिजिटल अरेस्टिंग जैसे नए साइबर अपराधों से बचाव के तरीके बताए गए। पुलिस का संदेश साफ़ था- “सम्मान और सुरक्षा से अब कोई समझौता नहीं।” थाना स्तर पर संवाद, नुक्कड़ सभाएं, रैलियां और जनजागरूकता कार्यक्रमों ने सुरक्षा का संदेश गांव-गांव तक पहुंचा दिया। इन अभियानों के माध्यम से महिला हेल्पलाइन 1090, साइबर हेल्पलाइन 1930, कन्या सुमंगला योजना, और विधवा पेंशन योजना जैसी सरकारी योजनाओं की जानकारी भी महिलाओं तक पहुंचाई गई, ताकि वे न केवल सुरक्षित रहें बल्कि आत्मनिर्भर भी बनें। एसएसपी आशीष तिवारी के निर्देशन में पुलिस ने अपराध नियंत्रण पर भी अभूतपूर्व सख्ती दिखाई है।

वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी, नशा तस्करों पर कार्रवाई, सीमाओं पर ड्रोन निगरानी और सीसीटीवी सर्विलांस ने अपराधियों की नींद उड़ा दी है। थाना स्तर पर बनी कानूनी परामर्श और परिवार परामर्श समिति ने संवेदनशील मामलों को इंसानियत और संवेदना के साथ सुलझाने की नई परंपरा शुरू की है। एसएसपी तिवारी का मानना है- “पुलिस तभी सफल है जब जनता सुरक्षित महसूस करे। हर बेटी, हर नागरिक के मन में यह विश्वास होना चाहिए कि पुलिस केवल कानून की रखवाली नहीं, बल्कि समाज की ढाल है।” उनके नेतृत्व में सहारनपुर पुलिस ने यह धारणा बदल दी है कि पुलिस सिर्फ “कार्रवाई करने वाली” संस्था है। अब यह वही पुलिस है जो जनता का विश्वास जीतती है, अपराधियों को डराती है और समाज को जोड़ती है। जनसंपर्क और जनसहभागिता के इस अनूठे समन्वय ने सहारनपुर को उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों के लिए एक मॉडल जिला के रूप में स्थापित किया है। शहर की गलियों, बाजारों और चौपालों में अब लोग खुलकर कहते हैं- “सहारनपुर अब पहले जैसा नहीं रहा, यहां पुलिस पर भरोसा है।” सुरक्षा, संवेदना और सेवा के इस त्रिकोण ने जनपद को एक नई दिशा दी है- एक ऐसी दिशा, जहां पुलिस और जनता के बीच विश्वास की नई डोर बंध चुकी है। और यह डोर, एसएसपी आशीष तिवारी की दूरदर्शिता, अनुशासन और मानवीय दृष्टिकोण का परिणाम है। यह सच है कि सहारनपुर में अब “उम्मीद” नहीं, बल्कि “विश्वास” का नया सूर्योदय हो चुका है- और इस परिवर्तन के केंद्र में हैं- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी।
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