उत्तराखंड

ऐसी भयानक मौत देखकर दहल उठा दिल, हफ्ते भर से मकान में सड़ रही थी लाश

कलयुग दर्शन (24×7)

विजय कुमार, विक्की (ब्यूरो चीफ)

रुड़की। क्रांतिकारी शालू सैनी ने करीब पांच हजार से अधिक मृतकों का अंतिम संस्कार अब तक किया है। क्रांतिकारी शालू सैनी ने बताया कि मेरी अपनी कोई पर्सनल जिंदगी नहीं है, क्योंकि मेरे लिए दिन हो या रात सबसे पहले मेरे महाकाल की दी हुई अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी ही मेरे लिए सच्ची ईश्वरीय सेवा है। इनके द्वारा आज की सेवा के बारे में जानकर आप सभी का भी दिल दहल उठेगा। साक्षी वेलफेयर ट्रस्ट की राष्ट्रीय अध्यक्ष क्रांतिकारी शालू सैनी लगभग छः वर्षों से मृतकों के अंतिम संस्कार की सेवा में लगी है। लावारिस हो, चाहे किसी के बच्चों विदेशों में रहते हो या फिर किसी के कोई ना हो या जिसके पास पैसे ना हो, चाहे वो किसी भी धर्म से हो हिन्दू, मुस्लिम, सिख या ईसाई सभी धर्म के धर्मों के अनुसार विधि-विधान से अंतिम संस्कार की सेवा करने कोई वह अपना धर्म मानती है।

जानकारी देते हुए शालू ने बताया कि खतौली क्षेत्र के एक मकान में एक लगभग पचपन वर्षीय व्यक्ति रहते थे। उस मकान का जब हफ्ते भर से गेट नहीं खुला और आस-पड़ोस के लोगों को मकान से आई बदबू तो पड़ोसियों ने क्रांतिकारी शालू सैनी को फोन किया। शालू ने मौके पर पहुंचकर पुलिस को सूचित कर गेट तोड़ा तो मृतक के शरीर से कीड़े चल रहे थे। उस व्यक्ति के परिवार में कोई नहीं था। पोस्टमार्टम करा कर विधि-विधान से बहन बनकर अंतिम बिदाई दी। आप सबके द्वारा भेजी हुई सहयोग राशि से बाबा की दी हुई बहुत बड़ी जिम्मेदारी निभाने का प्रयास करती हूं। उनका कहना है कि करने वाले महाकाल है मैं तो निमित मात्र हूं, परन्तु जो भी सेवा चल रही है आप सबके सहयोग से चल रही है आपके ओर हमारे प्रयास से किसी को कफफन नबीस हो जाता है। विधि-विधान से अंतिम संस्कार हो जाता है। परमात्मा आपको खूब दे ओर आप हमारे साथ ईश्वरीय सेवा से ऐसे ही जुड़े रहे। आपके परिवार में खूब खुशियां आए में हर रोज सभी सहयोगियों के परिवार की सुख शांति के लिए बाबा से प्रार्थना करती हूं। आप और हम मिलकर नेक सेवा को आगे बढ़ाए।

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