
कलयुग दर्शन (24×7)
सरविन्द्र कुमार (सह संपादक)
हरिद्वार। लक्सर-बलावली मार्ग पर सोमवार तड़के उस समय हड़कंप मच गया जब कलसिया गाँव के पास ग्रामीणों ने प्रतिबंधित मांस से भरी पिकअप गाड़ी पकड़ ली। गाड़ी से भारी मात्रा में मांस बरामद हुआ, जिसे ग्रामीणों के अनुसार बिजनौर ले जाया जा रहा था। यह मामला न केवल धार्मिक भावनाओं से जुड़ा है, बल्कि कानून-व्यवस्था की पोल भी खोलता है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सुबह करीब 4:30 बजे तेज रफ्तार पिकअप ने एक गाय को टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई। इसी हादसे के बाद ग्रामीणों ने गाड़ी को रोक लिया और तलाशी में प्रतिबंधित मांस बरामद हुआ। घटना के बाद ग्रामीणों और बजरंग दल कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने सड़क जाम कर आरोपी तस्करों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। भीड़ ने बाद में पिकअप गाड़ी को आग के हवाले कर दिया, जिससे मार्ग पर घंटों जाम लगा रहा। स्थानीय विधायक उमेश कुमार मौके पर पहुँचे और ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठ गए। उनका कहना है कि जब तक दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं होगी, आंदोलन जारी रहेगा। बजरंग दल के जिला मंत्री जिवेंद्र तोमर ने प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहाकि यह घटना प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है। प्रतिबंधित मांस खुलेआम तस्करी कर लाया जा रहा था और किसी को भनक तक नहीं लगी। हम मांग करते हैं कि आरोपियों पर कठोरतम कार्रवाई हो और इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जाए। अगर प्रशासन सख्ती नहीं दिखाता, तो हम आंदोलन को और तेज करेंगे।
घटना की सूचना मिलते ही सीओ लक्सर के नेतृत्व में भारी पुलिस बल मौके पर पहुँचा। भीड़ को तितर-बितर करने में पुलिस को घंटों मशक्कत करनी पड़ी। हल्का बल प्रयोग करने के बाद भी प्रदर्शनकारियों ने जाम नही खोला। ग्रामीणों ने दो आरोपियों को पकड़कर पुलिस को सौंपा, जबकि चालक फरार हो गया। इस संबंध में बालावली चौकी प्रभारी उपेंद्र सिंह बिष्ट से बात की तो उन्होंने बताया कि वाहन कब्जे में ले लिया गया है। दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि मांस सहारनपुर से लाया गया था और बिजनौर भेजा जा रहा था। पशु चिकित्सक को बुलाया गया है जांच के लिए माँस के सेम्पल लिये गए हैं। आरोपियों के खिलाफ़ अग्रिम कार्यवाही की जा रही है। और फरार आरोपी की भी तलाश की जा रही है। जब इस संबंध में खानपुर थाना प्रभारी धर्मेंद्र राठी से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया मामले में कार्रवाई की जा रही है। बता दें कि यह मामला केवल प्रतिबंधित मांस तस्करी का नहीं है, बल्कि कई गंभीर सवाल खड़े करता है। सबसे बड़ा सवाल कि अगर मांस सहारनपुर से लाया जा रहा था तो रास्ते में किसी स्तर पर निगरानी क्यों नहीं हुई? प्रशासन की यह चूक कानून-व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाती है। ग्रामीणों और संगठनों का आक्रोश स्वाभाविक है, लेकिन गाड़ी को आग के हवाले कर देना और सड़क जाम करना कहीं न कहीं भीड़तंत्र की मानसिकता को उजागर करता है। ऐसे मामलों में दोषियों पर तो सख्त कार्रवाई होनी ही चाहिए, साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि भीड़ कानून हाथ में न ले। समाज और प्रशासन दोनों के लिए यह घटना चेतावनी है कि तस्करी रोकने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त, पारदर्शी और समयबद्ध कार्रवाई अनिवार्य है। तभी लोकतांत्रिक व्यवस्था पर आम लोगों का भरोसा कायम रह सकेगा।
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