उत्तराखंड

सप्त ऋषि आश्रम में भारत रत्न महामना मदन मोहन मालवीय की 164 वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई

कलयुग दर्शन (24×7)

विजय कुमार (ब्यूरो चीफ)

हरिद्वार। हरिद्वार के सप्त ऋषि आश्रम भूपत वाला में श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा पंजाब के तत्वावधान में भारत रत्न महामना मदन मोहन मालवीय की 164 वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए सभा द्वारा विभिन्न राज्यों में संचालित विभिन्न विद्यालयों के प्रिंसिपल और शिक्षकों को सम्मानित किया गया।श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा के शताब्दी वर्ष को सफलतापूर्वक संपन्न करने के लिए सभा की ओर से सभा ने मनोज खन्ना और शिक्षक राजीव पंत को सम्मानित किया। सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर देशबंधु ने कहा कि महामना मदन मोहन मालवीय ने सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा पंजाब की स्थापना की और छुआछूत के खिलाफ आंदोलन चलाया था।

वह उच्च कोटि के शिक्षाविद थे और सनातन धर्म के पुरोधा थे। उन्होंने कहा कि श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा के संस्थापक अध्यक्ष महामना मदन मोहन मालवीय जी के एकमात्र मंत्र दीक्षित शिष्य त्याग मूर्ति गोस्वामी गणेश दत्त महाराज जी थे। जिन्होंने मालवीय जी की तरह शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किया और सनातन धर्म की पताका को लहराया। सभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष इंद्र मोहन गोस्वामी ने कहा कि महामना मदन मोहन मालवीय जी के विचार हर युग में प्रासंगिक रहेंगे। उन्होंने सनातन धर्म का प्रचार जन जन तक किया। महावीर दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत स्वरूप बिहारी शरण ने कहा कि मदन मोहन मालवीय ने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण कार्य किया शिक्षा के क्षेत्र में किए गए उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। इस अवसर पर श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा पंजाब के कई राष्ट्रीय पदाधिकारी शिक्षक और शिक्षाविद उपस्थित थे।

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